117. मंत्री को छोड़कर कोई सदस्य, जो
सामान्य लोक हित के विषय से संबंधित संकल्प प्रस्तुत करना चाहता हो संकल्प की सूचना
संकल्पों के लिए नियत दिन के पूरे पन्द्रह दिन पूर्व देगा और सूचना के साथ उस
संकल्प की एक प्रति भेजेगा जिसे वह प्रस्तुत करना चाहता हो :
परन्तु अध्यक्ष किसी संकल्प को पन्द्रह दिन से कम की सूचना पर
कार्यसूची में दर्ज करने की अनुमति दे सकेगा :
परन्तु यह और भी कि जब तक किसी सदस्य ने अध्यक्ष की विशेष
अनुज्ञा प्राप्त न कर ली हो, तब तक उसे सभा के सत्र के
लिए तीन से अधिक संकल्पों की सूचना देने की अनुज्ञा नहीं दी जायेगी.
118.
संकल्प राय की घोषणा अथवा सिफारिश के रूप में हो सकेगा या ऐसे रूप में हो सकेगा
जिससे कि शासन के किसी काम अथवा नीति का सभा द्वारा अनुमोदन या अननुमोदन व्यक्त
किया जाय या कोई संदेश दिया जाय या किसी कार्यवाही के लिए संस्तवन,
अनुरोध या प्रार्थना की जाय या किसी विषय अथवा स्थिति पर शासन
द्वारा पुनर्विचार के लिए ध्यान-आकर्षित किया जाय या वह किसी ऐसे अन्य रूप में हो
सकेगा जो अध्यक्ष उचित समझे.
119.
इन नियमों के उपबन्धों के अधीन रहते हुए कोई सदस्य या मंत्री सामान्य लोकहित के
किसी विषय के संबंध में संकल्प प्रस्तुत कर सकेगा.120.
कोई संकल्प ग्राह्य हो सके इसके लिये वह निम्नलिखित शर्तें पूरी
करेगा, अर्थात् :-
(1)
वह स्पष्टतया और सुतथ्यतया व्यक्त किया जायेगा और उससे सारत: एक ही निश्चित प्रश्न
उठाया जायेगा;
(2)
उसमें प्रतर्क,
अनुमान, व्यंगात्मक पद,
लांछन या मानहानिकारक कथन नहीं होंगे;
(3)
उसमें तथ्य के ऐसे विषय का उल्लेख न होगा जिस पर न्यायिक विनिश्चय लम्बित हो या जो
किसी न्यायिक या अर्ध्दन्यायिक कृत्य करने वाले किसी सांविधिक न्यायाधिकरण या
सांविधिक प्राधिकारी के या किसी विषय की जांच या अनुसंधान करने के लिए नियुक्त किये
गये आयोग या जांच न्यायालय के सामने लंबित हो;
(4)
उसमें किसी व्यक्ति की पदेन या सार्वजनिक हैसियत को छोड़कर उसके चरित्र या आचरण का
निर्देश नहीं होगा;
और
(5)
उसमें अपने कर्तव्यों के पालन में उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के किसी
न्यायाधीश के आचरण का उल्लेख नहीं होगा.
121.
(1)
अध्यक्ष यह विनिश्चित करेगा कि संकल्प नियमों के अधीन ग्राह्य है अथवा नहीं और वह
ऐसे किसी संकल्प को अस्वीकृत कर सकेगा,
जो उसकी राय में इन नियमों का पालन न करता हो :
परन्तु वह उसके रूप में संशोधन कर सकेगा या संबंधित सदस्य को
उसे संशोधित करने का अवसर दे सकेगा.
(2)
अध्यक्ष किसी संकल्प या उसके किसी भाग को इस आधार पर अस्वीकृत कर सकेगा कि वह ऐसे
विषय से संबंधित है,
जो मुख्यत: राज्य शासन का विषय नहीं है या जो लोकहित के लिए
अहितकर है.
122.
(1)
कार्यसूची में जिस सदस्य के नाम में संकल्प हो वह सिवाय उस दशा में जब कि वह उसे
वापस लेना चाहता हो,
पुकारे जाने पर, संकल्प प्रस्तुत
करेगा और उस दशा में, कार्य सूची में दिये गये रूप में
औपचारिक प्रस्ताव के साथ, वह अपना भाषण प्रारंभ करेगा :
परन्तु कोई सदस्य, अध्यक्ष की
अनुज्ञा से किसी अन्य सदस्य को जिसके नाम में वही संकल्प की सूची में नीचे दिया हुआ
हो उसे अपनी ओर से प्रस्तुत करने का प्राधिकार दे सकेगा और इस तरह प्राधिकृत सदस्य
उसे तद्नुसार प्रस्तुत कर सकेगा.
(2)
यदि कोई सदस्य पुकारे जाने के समय पर अनुपस्थित हो,
तो उसके द्वारा उसकी ओर से लिखित में प्राधिकृत कोई अन्य सदस्य
अध्यक्ष की अनुज्ञा से उसके नाम में रखा हुआ संकल्प प्रस्तुत कर सकेगा.
123.
(1)
संकल्प प्रस्तुत किये जाने के बाद कोई सदस्य संकल्पों से संबंधित नियमों के अधीन
रहते हुए संकल्प में संशोधन प्रस्तुत कर सकेगा.
(2)
यदि ऐसे संशोधन की सूचना संशोधन की एक प्रति सहित उस दिन से तीन दिन पूर्व न दी गई
हो,
जो कि संकल्प पर चर्चा के लिये नियत किया गया हो,
तो कोई भी सदस्य संशोधन के प्रस्तुत किये जाने पर और यदि
अध्यक्ष संशोधन के प्रस्तुत किये जाने की अनुमति न दे दें तो ऐसी आपत्ति अभिभावी
होगी.
(3)
यदि समय हो तो सचिव सदस्यों को समय-समय पर उन संशोधनों की सूची उपलब्ध करायेगा
जिनकी सूचनायें प्राप्त हुई हो.
124.
किसी संकल्प पर भाषण की अवधि,
अध्यक्ष की अनुज्ञा के बिना पन्द्रह मिनट से अधिक नहीं होगी
परन्तु संकल्प का प्रस्तावक उसे प्रस्तुत करते समय और संबंधित मंत्री प्रथम बार
भाषण देते समय तीस मिनट तक, या उससे इतने अधिक समय तक
जितने की अध्यक्ष अनुज्ञा दे, भाषण दे सकेंगे.
125.
संकल्प पर चर्चा संकल्प से सर्वथा संगत और उसकी व्याप्ति के भीतर होगी.
126.
(1)
कार्यसूची में जिस सदस्य के नाम में कोई संकल्प हो वह,
पुकारे जाने पर संकल्प वापस ले सकेगा और उस अवस्था में वह अपना
कथन उस बात तक ही सीमित रखेगा.
(2)
जिस सदस्य ने कोई संकल्प या संकल्प में संशोधन प्रस्तुत किया हो वह उसे सभा की
अनुमति के बिना वापस नहीं लेगा.
(3)
यदि किसी संकल्प पर,
जो ग्राह्य किया गया हो, सत्र के
दौरान में चर्चा न हुई हो तो वापस लिया गया समझा जायेगा.
127.
जब अनेक विषयों से अन्तर्ग्रस्त किसी संकल्प पर चर्चा हो चुकी हो तो अध्यक्ष संकल्प
को विभाजित कर सकेगा और जैसा वह उचित समझे प्रत्येक विषय या कोई विषय मत के लिये
अलग-अलग रख सकेगा.
128.
(1)
जब कोई संकल्प प्रस्तुत किया जा चुका हो तो सारत: वही विषय उठाने वाला कोई अन्य
संकल्प या संशोधन पूर्व संकल्प को प्रस्तुत करने की तिथि से एक वर्ष के भीतर
प्रस्तुत नहीं किया जायेगा.
(2)
जब कोई संकल्प सभा की अनुमति से वापस ले लिया गया हो तो सारत: वही विषय उठाने वाला
कोई अन्य संकल्प उसी सत्र के दौरान में प्रस्तुत नहीं किया जायेगा.
129.
सभा द्वारा पारित प्रत्येक संकल्प की एक प्रति संबंधित मंत्री के पास भेजी जायेगी.
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