प्रस्ताव

130. संविधान या इन नियमों में अन्यथा उपबंधित अवस्था को छोड़कर अध्यक्ष की सम्मति से किए गए प्रस्ताव के बिना सामान्य लोकहित के विषय पर कोई चर्चा नहीं होगी.
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. प्रस्ताव की सूचना लिखित रूप में दी जायेगी और सचिव को संबोधित होगी.
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. कोई प्रस्ताव ग्राह्य हो सके इसके लिये वह निम्नलिखित शर्तें पूरी करेगा, अर्थात् :-
(1) उसमें सारत: एक ही निश्चित प्रश्न उठाया जायेगा;
(2) उसमें प्रतर्क, अनुमान व्यंगात्मक पद, लांछन या मानहानिकारक कथन नहीं होंगे;
(3) उसमें व्यक्तियों की सार्वजनिक हैसियत को छोड़कर उनके आचरण या चरित्र का निर्देश नहीं होगा;
(4) वह हाल ही में घटित विषय तक निर्बन्धित रहेगा;
(5) उसमें विशेषाधिकार का प्रश्न नहीं उठाया जायेगा;
(6) उसमें ऐसे विषय पर फिर से चर्चा नहीं चलाई जायेगी, जिस पर उसी सत्र में चर्चा हो चुकी हो;
(7) उसमें ऐसे विषय की पूर्वाशा नहीं की जायेगी जिस पर उसी सत्र में चर्चा होने की संभावना हो;
(8) वह किसी ऐसे विषय से संबंधित नहीं होगा जो छत्तीसगढ़ के किसी भाग में क्षेत्राधिकार रखने वाले किसी न्यायालय के न्याय निर्णयन के अन्तर्गत हो.

133. अध्यक्ष विनिश्चित करेगा कि कोई प्रस्ताव या उसके कोई भाग इन नियमों के अधीन ग्राह्य हैं अथवा नहीं और वह कोई प्रस्ताव या उसका कोई भाग अस्वीकृत कर सकेगा जो उसकी राय में प्रस्ताव प्रस्तुत करने के अधिकार का दुरूपयोग हो या सभा की प्रक्रिया में बाधा डालने या उस पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिये आयोजित हो या इन नियमों का उल्लंघन करता हो.
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. साधारणतया ऐसे प्रस्ताव को प्रस्तुत करने की अनुज्ञा नहीं दी जायेगी जो किसी ऐसे विषय पर चर्चा उठाने के लिये हो जो किसी न्यायिक या अर्ध्दन्यायिक कृत्य करने वाली किसी सांविधिक न्यायाधिकरण या सांविधिक प्राधिकारी या किसी विषय की जांच या अनुसंधान करने के लिये नियुक्त किसी आयोग या जांच न्यायालय के सामने लम्बित हो :
परन्तु अध्यक्ष अपने स्वविवेक से ऐसे विषय को सभा में उठाने की अनुमति दे सकेगा जो जांच की प्रक्रिया या विषय प्रक्रम से संबंधित हो, यदि अध्यक्ष का समाधान हो जाय कि इससे सांविधिक न्यायाधिकरण, सांविधिक प्राधिकारी या आयोग या जांच न्यायालय द्वारा उस विषय के विचार किये जाने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है.
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. अध्यक्ष, सभा के कार्य की स्थिति पर विचार करने के बाद और सभा नेता के परामर्श से किसी प्रस्ताव पर चर्चा के लिये कोई एक दिन या अधिक दिन या किसी दिन का भाग नियत कर सकेगा.
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. अध्यक्ष, यथास्थिति नियत दिन या नियत दिनों के अंतिम दिन निश्चित समय पर मूल प्रश्न पर सभा का विनिश्चय निर्धारित करने के लिये प्रत्येक आवश्यक प्रश्न तुरन्त रखेगा.
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. अध्यक्ष, यदि वह ठीक समझे, भाषणों के लिये समय-सीमा विहित कर सकेगा.