विधान सभा परिसर स्थित पं. श्यामाप्रसाद मुकर्जी प्रेक्षागृह में
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर जी का उद्बोधन
(छायाचित्र)