प्रेस विज्ञप्ति |
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दिनांक 22.07.2023 |
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-विधान सभा परिसर में ‘‘उत्कृष्टता अलंकरण समारोह” एवं “पंचम विधान सभा के माननीय सदस्यों का सम्मान समारोह’’ का कार्यक्रम संपन्न हुआ |
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-छत्तीसगढ़ विधान सभा परिसर में आज माननीय राज्यपाल महोदय श्री विश्व भूषण हरिचंदन के मुख्य आतिथ्य में एक गरिमामय कार्यक्रम में ‘‘उत्कृष्टता अलंकरण समारोह‘‘ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में वर्ष 2022 के लिए “उत्कृष्ट विधायक’’, ‘‘उत्कृष्ट संसदीय पत्रकार” एवं “पंचम विधान सभा के माननीय सदस्यों का सम्मान समारोह’’ कार्यक्रम संपन्न हुआ। ‘‘उत्कृष्ट इलेक्ट्रानिक मीडिया रिपोर्टर एवं कैमरामेन’’ को मान. राज्यपाल महोदय श्री विश्व भूषण हरिचंदन ने शाल श्रीफल, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मान. विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने की। कार्यक्रम में अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में मान. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में मान. उप मुख्यमंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, मान. नेता प्रतिपक्ष श्री नारायण प्रसाद चंदेल, मान. विधान सभा उपाध्यक्ष श्री संत राम नेताम, मान. संसदीय कार्यमंत्री श्री रविन्द्र चौबे एवं मान. गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू उपस्थित थे। इस अवसर पर मंत्रिमंडल के मान. सदस्य, मान. संसदीय सचिव, मान. विधायकगण, निगम मंडल के मान. अध्यक्ष, विधान सभा सचिव श्री दिनेश शर्मा,शासन के वरिष्ठ अधिकारी गण, आमंत्रित जन, प्रबुद्धजन एवं मीडिया कर्मी उपस्थित थे। इस समारोह में पंचम विधान सभा में वर्ष-2022 के लिए ‘‘उत्कृष्ट विधायक‘‘ के रूप में पक्ष से मान. श्रीमती संगीता सिन्हा एवं प्रतिपक्ष से मान. श्रीमती रंजना डीपेन्द्र साहू तथा जागरूक विधायक के रूप में मान. श्री धर्मजीत सिंह को सम्मानित किया गया। ‘‘उत्कृष्ट संसदीय पत्रकार‘‘ के लिए श्री राहुल जैन, दैनिक पत्रिका एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ‘‘उत्कृष्ट संसदीय पत्रकार पुरस्कार’’ के लिए न्यूज-18 (म.प्र./छत्ती.) के संवाददाता श्री देवव्रत भगत एवं कैमरामेन श्री रोहित श्रीवास्तव को सम्मानित किया गया। प्रसिद्ध वास्तुविद श्री प्रशान्त दिव्यकीर्ति जी को वास्तुकला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए उत्कृष्ट वास्तुविद सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में मान. राज्यपाल महोदय श्री विश्व भूषण हरिचंदन द्वारा उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित ‘‘उत्कृष्ट विधायक‘‘ एवं “उत्कृष्ट संसदीय पत्रकारों” को बधाई देते हुए छत्त्तीसगढ़ विधानसभा को देश में सर्वश्रेष्ठ विधान सभाओं में से एक प्रतिपादित करते हुए इसकी उच्च संसदीय परम्पराओं की सराहना की एवं कहा-कि लोकतंत्र के मंदिर स्वरूप मजबूत विधायिका से प्रदेश के विकास और भविष्य का मार्ग सुनिश्चित होता है। विशेषतः उन्होंने छ.ग. विधान सभा के लोक-लेखा समिति के कोरोना काल में सर्वाधिक बैठकें कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने, ई-प्रश्न उत्तर ऑनलाईन सिस्टम के राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत होने का उल्लेख करते हुए ई-गवर्नेंस हेतु छ.ग. विधानसभा द्वारा किऐ गए अभिनव प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि-चूंकि हमारे देश ने लोकतांत्रिक परम्पराओं को पाला और उसका परिमार्जन भी किया है, इसलिए सभा के संचालन में पक्ष के साथ-साथ प्रतिपक्ष की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मान. राज्यपाल महोदय एवं समस्त मंत्रिमंडल सदस्यों एवं मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद देते हुए कहा कि-छत्तीसगढ़ की विधान सभा ने अपने गठन के साथ ही नई संसदीय परम्पराओं को स्थापित किया है। छत्तीसगढ़ विधान सभा ने अपने कार्यकरण से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संसदीय परिदृश्य में जो स्थान प्राप्त किया है वह एक आदर्श है तथा इसका पूरा श्रेय हमारे विधायी निकाय के सभी मान. सदस्यों को जाता है। विधान सभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने कहा कि-पक्ष एवं प्रतिपक्ष के सदस्यों ने विभिन्न विषयों पर मत विभिन्नता के होते हुये भी एक मत होकर काम किया एवं संसदीय संस्कार व नवाचार को मजबूती प्रदान करते हुए सभा में अपने विचारों के माध्यम से शासन को मार्गदर्शन दिया और फलस्वरूप शासन व्यवस्था को न केवल सुदृढ़ किया, अपितु कई सुधारात्मक और जनकल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने में भी अपनी भूमिका निभायी। मान. सदस्यों ने दलीय प्रतिबद्धताओं से ऊपर जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिये इस सदन को लोक-कल्याण के केन्द्र का पर्याय बना दिया है। इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री-मान. श्री भूपेश बघेल ने उत्कृष्ट विधायकों एवं उत्कृष्ट संसदीय पत्रकार पुरस्कार से सम्मानितों को बधाई देते हुए कहा कि-ये उत्कृष्ट विधायक हमेशा सदन में सक्रिय रहे एवं जनसमस्याओं के मुद्दों को प्रमुखता से सभा में उठाया। सामान्य कार्यकर्ता एवं जनप्रतिनिधि से प्रारंभ कर सदन में अपनी ‘‘उत्कृष्टता’’ साबित करना निश्चित ही सराहनीय है और इससे हमारे युवा विधायकों को सीखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि-पुरस्कृत पत्रकारों ने भी सभा की कार्यवाही की रिपोर्टिंग में ‘‘उत्कृष्ट संसदीय’’ परम्पराओं का पालन करते हुए अपनी विशिष्ट छाप छोड़ी है। उन्होने अपने संबोधन में कहा कि-पंचम विधान सभा की इस लम्बी यात्रा में अंतिम पडाव पर पहूँचकर ऐसा लग रहा है जैसे यह विधान सभा का प्रथम सत्र हो। उन्होंने विधान सभा में जीवंत वातावरण निर्मित करने के लिए विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, नेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष श्री नारायण प्रसाद चंदेल, संसदीय कार्यमंत्री श्री रविन्द्र चौबे एवं सभी मान. सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए दलीय मतभेदों को भुलाकर नवीन छत्तीसगढ के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि-विधान सभा लोकतंत्र का मंदिर है और इस परिसर में स्थापित तीन महापुरूषों की प्रतिमाएं हम सबको प्रेरणा देती रहेंगी। उन्होंने विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य एवं पूर्व मंत्री माननीय सत्यनारायण शर्मा जी के पितामह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पद्म विभूषण स्व.पं. झाबरमल्ल शर्मा जी कृति ‘‘भारतीय देश भक्तों की कारावास कहानी’’ के द्वितीय संस्करण का मान. राज्यपाल जी के द्वारा वमोचन करने का भी जिक्र किया। मान. अध्यक्ष ने कोरोनाकाल सहित पूरे कार्यकाल में मान. सदस्यों के स्वास्थ्य, सुरक्षा का संपूर्ण रखते हुए अनेक ऐसे प्रस्ताव विधानसभा में लाए जो संसदीय परम्परा में नींव के पत्थर के समान है। विधान सभा ने परम्पराओं, नियमों का भी कीर्तिमान स्थापित किया। कार्यक्रम में मान. विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, मान. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं मंचासीन अतिथियों ने मान. राज्यपाल महोदय श्री विश्व भूषण हरिचंदन को शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर श्री रिखी क्षत्रीय, लोक संगिनी लोकमंच के लोक कलाकारों द्वारा छत्तीसगढ़ी पारंपरिक लोक कला प्रदर्शनी, गीत संगीत एवं लोक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। उत्कृष्टता अलकंरण समारोह को मान. नेता प्रतिपक्ष श्री नारायण प्रसाद चंदेल एवं मान. विधान सभा उपाध्यक्ष श्री संत राम नेताम ने भी संबोधित किया। इसके पूर्व कार्यक्रम के प्रारंभ में विधान सभा के सचिव श्री दिनेश शर्मा ने स्वागत संबोधन प्रस्तुत किया। विधान सभा के मान. सदस्यों ने भी अपनी प्रस्तुति दी। मान. संसदीय कार्यमंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने अंत में सभी के प्रति आभार व्यक्त हुए विशेषतः उल्लेख किया कि मान. अध्यक्ष के कुशल नेतृत्व में पंचम विधानसभा के कार्यकाल में विधायिका की सर्वोच्चता व उच्च संसदीय परम्परायें स्थापित हुई। |
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