प्रेस विज्ञप्ति |
दिनांक 14 अगस्त 2018 |
-विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने मान. राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन के निधन पर शोक व्यक्त किया |
विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। श्री टंडन की आज सुबह तबियत बिगड़ जाने पर उन्हें अम्बेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। श्री टंडन के निधन से हमने एक वरिष्ठ चिंतक, विचारक, कुशल प्रशासक एवं गरीबों के मसीहा को खो दिया है। वे सहज और सरल स्वभाव के थे एवं लगातार सामाजिक और सार्वजनिक गतिविधियों में सक्रिय रहते हुए निःस्वार्थ समाज सेवा और जनकल्याण के कार्यों की वजह से जनता में काफी लोकप्रिय रहे हैं । उनका निधन प्रदेश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। उल्लेखनीय है कि श्री टंडन का जन्म 01 नवम्बर 1927 को अमृतसर पंजाब में हुआ था एवं उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। श्री टंडन ने 91 वर्ष के जीवन काल में 65 वर्षों तक सार्वजनिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग भूमिकाओं में जनता की सेवा के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। वर्ष 1975 से 1977 तक आपातकाल में उन्हें जेल में रहना पड़ा था। श्री टंडन ने पार्षद से लेकर राज्यपाल तक का लंबा सफर तय किया। श्री टंडन पंजाब सरकार में मंत्री भी रहे हैं। श्री टंडन ने वर्ष 1947 में देश के विभाजन के समय पाकिस्तान से आने वाले लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1980 से 1995 के दौरान उन्होंने आतंकवाद का सामना करने तथा इससे लड़ने के लिए पंजाब के जनसामान्य का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने आतंकवाद से प्रभावित परिवारों की मदद करने के उद्देश्य से एक कमेटी का गठन भी किया। उन्होंने विगत लगभग 04 वर्षों तक प्रदेश को अपनी मूल्यवान सेवाएं दी। राज्यपाल के रूप में छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर और प्रदेशवासियों की बेहतरी से जुड़े विषयों को लेकर हमेशा उनका मार्गदर्शन मिलता रहा।
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