प्रेस विज्ञप्ति |
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दिनांक 05 जुलाई,2018 |
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-छत्तीसगढ़ विधान सभा परिसर में "स्वामी विवेकानंद" एवं "डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी" की प्रतिमा का अनावरण - "उत्कृष्टता अलंकरण समारोह" एवं "चतुर्थ विधान सभा के माननीय सदस्यों का सम्मान समारोह" सम्पन्न |
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छत्तीसगढ़ विधान सभा परिसर में आज "स्वामी विवेकानंद जी" की लगभग 14 फीट ऊंची एवं डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी प्रेक्षागृह में "डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी" की प्रतिमा का अनावरण किया गया। प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के पश्चात् विधान सभा परिसर स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी प्रेक्षागृह में "उत्कृष्टता अलंकरण समारोह" एवं "चतुर्थ विधान सभा के माननीय सदस्यों का सम्मान समारोह" का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम विधान सभा अध्यक्ष मान. श्री गौरीशंकर अग्रवाल, मान. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, मान. नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस.सिंहदेव एवं मान. संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चन्द्राकर की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मंत्री परिषद के मान. सदस्य, मान. सासंद, मान. संसदीय सचिव, मान. विधायकगण, विधान सभा सचिव श्री चन्द्र शेखर गंगराड़े, राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारीगण, प्रबुद्धजन, पत्रकारगण एवं विधान सभा सचिवालय के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।
"उत्कृष्टता अंलकरण समारोह" में वर्ष 2017 के लिए चयनित उत्कृष्ट विधायक के रूप में पक्ष से मान. श्री राजमंहत सांवलाराम डाहरे एवं प्रतिपक्ष से मान. श्री मोहन मरकाम एवं चतुर्थ विधान सभा के जागरूक विधायक के रूप में वरिष्ठ सदस्य मान. श्री सत्यनारायण शर्मा को पुरस्कृत किया गया। "उत्कृष्ट संसदीय पुरस्कार" के लिए श्री संजीत कुमार, दैनिक नई दुनिया एवं उत्कृष्ट इलेक्ट्रानिक मीडिया संसदीय पुरस्कार के लिए स्वराज एक्सप्रेस के श्री आशीष तिवारी एवं कैमरामेन श्री प्रकाश सिंह यादव को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद एवं डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी की प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार पद्मश्री श्री जे.एम. नेलसन का विधानसभा अध्यक्ष मान. श्री गौरीशंकर अग्रवाल एवं मान. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शाल एवं श्रीफल देकर सम्मान किया। इस अवसर पर मान. विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि - स्वामी विवेकानंद जी की इस प्रतिमा की स्थापना से विधान सभा भवन की गरिमा संवर्धित हुई है, स्वामी विवेकानंद की यह प्रतिमा अनंतकाल तक विधान सभा में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को नैतिक उत्थान एवं राष्ट्र निर्माण के लिये प्रेरित करते रहेगी। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के प्रसिद्ध वाक्य "उठो जागो और लक्ष्य को प्राप्त किये बिना रूको मत" को संदर्भित करते कहा कि - राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति जब नैतिक और चारित्रिक रूप से उत्कृष्ट होगा तभी राष्ट्र का समग्र विकास संभव है। विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि - अखण्ड राष्ट्र के प्रबल समर्थक डॉ. श्यामाप्रसाद मुकर्जी जी की प्रतिमा हमें सदैव राष्ट्र निर्माण के लिये प्रेरित करती रहेगी जिन्होंने देश की एकता एवं अखण्डता के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। अपने उद्बोधन में विधान सभा अध्यक्ष मान. श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि - छत्तीसगढ़ राज्य की चतुर्थ विधान सभा संसदीय मूल्यों के संरक्षण और परंपराओं के परिपालन में एक आदर्श प्रस्तुत करने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि - चतुर्थ विधान सभा में पक्ष-विपक्ष के भावों से सदन ऊपर रहा है न केवल प्रतिपक्ष के अपितु पक्ष के कई माननीय सदस्यों ने कतिपय अवसरों पर जिस संजीदगी से सरकार के कार्यों की समीक्षा, आलोचना की और सुझाव दिए वे सभी बिन्दु भविष्य के लिए नजीर होंगे। इस अवसर पर मान. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि - चतुर्थ विधान सभा की इस लम्बी यात्रा में अंतिम पडाव पर पहुंचकर ऐसा लग रहा है कि जैसे यह विधान सभा का प्रथम सत्र हो। उन्होंने विधान सभा में जीवंत वातावरण निर्मित करने के लिए विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशकंर अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव, संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चन्द्राकर एवं सभी मान. सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए दलीय मतभेदों को भुलाकर नवीन छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि - विधान सभा लोकतंत्र का मंदिर है और इस परिसर में स्थापित तीन महापुरूषों की प्रतिमाएं हम सबको प्रेरणा देती रहेंगी। उन्होंने उत्कृष्टता अलंकरण समारोह के पुरस्कृत मान. विधायकों एवं मीडिया के प्रतिनिधियों को बधाई दी। इस अवसर पर मान. नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव ने अपने उद्बोधन में कहा कि - विधान सभा में अध्यक्ष का पद अत्यंत कठिन होता है लेकिन विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने अत्यंत परिपक्वता एवं जिम्मेदारी के साथ दोनों पक्षों को साथ लेकर बेहतरीन भूमिका का निर्वहन किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में विधान सभा सचिव श्री चन्द्र शेखर गंगराड़े ने स्वागत उद्बोधन दिया। अंत में संसदीय कार्यमंत्री मान. श्री अजय चन्द्राकर ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। |
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