प्रेस विज्ञप्ति |
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दिनांक 26 अप्रैल 2017 |
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- लोक लेखा समिति शासन के वित्तीय कार्यों पर नियंत्रण रखती है - विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल - विधान सभा की वर्ष 2017-18 के लिए गठित लोकलेखा समिति की प्रथम बैठक सम्पन्न |
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छत्तीसगढ़ विधान सभा की वर्ष 2017-18 के लिए गठित लोकलेखा समिति की प्रथम बैठक आज विधान सभा स्थित मुख्य समिति-कक्ष में संपन्न हुई। समिति की प्रथम बैठक में विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित थे। बैठक में समिति के सभापति श्री टी.एस.सिंहदेव, मान. सदस्य श्री देवजी भाई पटेल, श्री अवधेश चंदेल, श्री विद्यारतन भसीन, श्री रोशनलाल अग्रवाल, श्री अरूण वोरा, श्री रामदयाल उईके, विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमिताभ जैन एवं महालेखाकार, छत्तीसगढ़ श्री बी.के. मोहंती उपस्थित थे। समिति की प्रथम बैठक को सम्बोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि-संसदीय समिति में वित्तीय समितियों की अह्म भूमिका होती है। लोकलेखा समिति विधान सभा की महत्वपूर्ण वित्तीय समिति है। इस समिति का महत्वपूर्ण कार्य शासन के कार्यो में वित्तीय नियंत्रण रखना होता है। लोकलेखा समिति का मुख्य कार्य यह देखना होता है कि विधान सभा द्वारा जो बजट पारित किया गया है, उसका खर्च उन्हीं योजनाओं एवं कार्यो में सही तरीके से किया गया है या नहीं। समिति यह भी देखती है कि निरर्थक व्यय या वित्तीय अनियमितता तो नहीं की गई है। स्वीकृत राशि से अधिक खर्च एवं बचत होना व्यवस्था के दोषों को दर्शाता है। समिति ऐसे लेखों की जांच की सिफारिश करती है। समितियां सभा का लघु स्वरूप होती हैं एवं समितियों के माध्यम से संसदीय प्रजातंत्र के मूल तत्व कार्यपालिका की विधायिका के प्रति जवाबदेही को सुनिश्चित किया जाता है। विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि-संविधान के अनुच्छेद 151(2) के तहत् भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का प्रावधान किया गया है जो संघ-राज्य क्षेत्र में शासन द्वारा किये जाने वाले व्यय एवं व्यय में होने वाली खामियों के संबंध में अपना प्रतिवेदन सभा पटल पर प्रस्तुत करते हैं। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक शासन के वार्षिक लेखों की जांच पड़ताल करते हैं और यह देखते है कि सभा द्वारा जो धनराशि जिस मद के लिए मंजूर की गई वह उसी प्रयोजन के लिए खर्च की जा रही है या नहीं? समिति परीक्षण के दौरान यह देखती है कि विभाग द्वारा व्यय करते समय नियमों/प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित किया गया है या नहीं? उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि-राज्य निर्माण के पश्चात् अभी तक आधिक्य/बचत से संबंधित कंडिकाओं का निराकरण नहीं हो पाया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि-महालेखाकार एवं वित्त विभाग आपसी समन्वय से इसका शीघ्र निराकरण करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि-समिति अधिक से अधिक बैठकें कर लंबित कार्यो को तीव्र गति से निपटाने में सफल होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकलेखा समिति को भविष्य में विभागीय ज्ञापन समय पर प्राप्त हो, इस बात का शासन के सभी विभागों को समुचित प्रयास करना चाहिए। इस अवसर पर समिति के सभापति श्री टी.एस.सिंहदेव ने अपने उद्बोधन में कहा कि-मान. विधान सभा अध्यक्ष महोदय द्वारा समिति को जो मार्गदर्शन दिया गया है, समिति उन अपेक्षाओं पर पूरी तरह खरी उतरेगी। उन्होंने विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल को आश्वस्त किया कि समिति की अधिक से अधिक बैठकें कर लंबित कार्यो को निपटाने में जोर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि-समिति दलगत भावना से ऊपर उठकर प्रदेश हित में विभिन्न कंडिकाओं का परीक्षण कर उस पर विचार-विमर्श करेगी। उन्होंने कहा कि-समिति के सदस्य काफी अनुभवी हैं एवं उनके अनुभवों का लाभ बैठकों के दौरान समिति को प्राप्त होता रहेगा।
इस अवसर पर मान. सदस्य श्री देवजी भाई पटेल, वित्त विभाग के प्रमुख
सचिव श्री अमिताभ जैन एवं महालेखाकार, छत्तीसगढ़ श्री बी.के. मोहंती
ने भी अपने विचार व्यक्त किये। |
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