प्रेस विज्ञप्ति

दिनांक 26 अप्रैल 2016

-संसदीय समितियों मे वित्तीय समितियों की भूमिका अहम-विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल

लोकलेखा समिति शासन के वित्तीय कार्यो पर नियंत्रण रखती है -विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल

विधानसभा की वर्ष 2016-17 के लिए गठित लोक लेखा समिति की प्रथम बैठक संपन्न

छत्तीसगढ विधानसभा की वर्ष 2016-17 के लिए गठित लोकलेखा समिति की प्रथम बैठक आज विधानसभा स्थित समिति कक्ष में संपन्न हुई । समिति की आज संपन्न प्रथम बैठक में विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित थे । बैठक में समिति के सभापति श्री धनेन्द्र साहू, विशेष रूप से आमंत्रित प्राक्कलन समिति के सभापति श्री देवजी भाई पटेल, मान. सदस्य श्री भूपेश बघेल, श्री गुरूमुख सिंह होरा, श्री नवीन मारकण्डेय, श्री राजमहंत सांवलाराम डाहरे, श्री श्रीचंद सुन्दरानी, श्री रोशनलाल, विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा, वित्त विभाग के सचिव श्री अमित अग्रवाल एवं उप महालेखाकार, छत्तीसगढ, श्री के. सांई शंकर उपस्थित थे ।

समिति की प्रथम बैठक को सम्बोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि-लोकलेखा समिति विधानसभा की महत्वपूर्ण वित्तीय समिति है, इस समिति का महत्वपूर्ण कार्य शासन पर वित्तीय नियंत्रण रखना होता है । लोकलेखा समिति का मुख्य कार्य यह देखना होता है कि विधानसभा द्वारा जो बजट पारित किया गया है, उसका खर्च उन्हीं योजनाओं एवं कार्यों में सही तरीके से किया गया है या नहीं । समिति यह भी देखती है कि निरर्थक व्यय या वित्तीय अनियमितता तो नहीं की गई है । उन्होने कहा कि-संसदीय समिति में वित्तीय समितियों की अह्म भूमिका होती है । समितियां सभा का लघु स्वरूप होती है एवं समितियों के माध्यम से संसदीय प्रजातंत्र के मूल तत्व ’’कार्यपालिका की विधायिका के प्रति जवाबदेही’’ को सुनिश्चित किया जाता हैं । संविधान में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का प्रावधान किया गया है जो संघ-राज्य क्षेत्र में शासन द्वारा किये जाने वाले व्यय एवं व्यय में होने वाली खामियों के संबंध में अपना प्रतिवेदन सभा पटल पर प्रस्तुत करते हैं । नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक शासन के वार्षिक लेखों की जांच पड़ताल करते हैं और यह देखते हैं कि सभा द्वारा जो धनराशि जिस मद में मंजूर की गई है वह उसी प्रयोजन के लिए खर्च की जा रही है या नहीं ? समिति परीक्षण के दौरान यह देखती है कि विभाग द्वारा व्यय करते समय नियमों/ प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित किया गया है या नही ? राजस्व प्राप्तियों हेतु कारगर कार्यवाही की गई है या नही ? कर निर्धारण करते समय किसी को अनुचित लाभ तो नहीं दिया गया है ? उन्होने अपेक्षा व्यक्त की कि समिति अधिक से अधिक बैठकें कर लंबित कार्यो को तीव्र गति से निपटाने में सफल होगी । उन्होने इस बात पर जोर दिया कि लोकलेखा समिति को भविष्य में विभागीय ज्ञापन समय पर प्राप्त हो, इस बात का शासन के सभी विभागों को समुचित प्रयास करना चाहिए ।

इस अवसर पर समिति के सभापति श्री धनेन्द्र साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि-मान. विधानसभा अध्यक्ष महोदय द्वारा समिति को जो मार्गदर्शन दिया गया है समिति उन अपेक्षाओं पर पूरी तरह से खरी उतरेगी । उन्होने विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल को आश्वस्त किया कि समिति की अधिक से अधिक बैठकें कर लंबित कार्यो को निपटाने में जोर दिया जायेगा ।

इस अवसर पर मान. सदस्य श्री भूपेश बघेल, वित्त विभाग के सचिव श्री अमित अग्रवाल एवं उप महालेखाकार, छत्तीसगढ, श्री के. सांई शंकर ने भी अपने विचार व्यक्त किये