प्रेस विज्ञप्ति |
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दिनांक 26 मार्च 2015 |
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विधान सभा परिसर में 26 मार्च को "उत्कृष्टता अलंकरण समारोह" का गरिमामय आयोजन |
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छत्तीसगढ़ विधान सभा परिसर स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी प्रेक्षागृह में आज एक गरिमामय कार्यक्रम में "उत्कृष्टता अलंकरण समारोह" का आयोजन किया गया। इस समारोह में वर्ष 2012-13 के "उत्कृष्ट विधायक", "उत्कृष्ट संसदीय पत्रकार" एवं "उत्कृष्ट इलेक्ट्रानिक मीडिया रिपोर्टर" को मान. राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन ने सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में एवं मान. नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव, संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चन्द्राकर तथा तत्कालीन विधान सभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मान. मंत्रीगण, मान. सांसद, मान. विधायकगण, विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, प्रबुद्धजन एवं पत्रकारगण उपस्थित थे।
इस समारोह में तृतीय विधान सभा में वर्ष 2012-13 के लिए "उत्कृष्ट विधायक" के रूप में चयनित विधायक श्री देवजी भाई पटेल एवं विधायक श्री हृदयराम राठिया को तथा "उत्कृष्ट संसदीय पत्रकार" के रूप में दैनिक छत्तीसगढ़ समाचार पत्र के प्रतिनिधि श्री चन्द्रभूषण मिश्रा एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया ई.टी.वी. के रिपोर्टर श्री मनोज सिंह बघेल एवं कैमरामेन श्री मनीष गीते को सम्मानित किया गया। तृतीय विधान सभा के दौरान सभा में "उत्कृष्ट प्रदर्शन" करने वाले विधान सभा के तत्कालीन मान. विधायक स्वर्गीय श्री नन्दकुमार पटेल को "जागरूक विधायक" के रूप में सम्मानित किया गया। स्वर्गीय श्री नन्दकुमार पटेल की ओर से उनके पुत्र विधायक श्री उमेश पटेल ने पुरस्कार ग्रहण किया। (फोटो गैलरी हेतु यहां क्लिक करे) इस अवसर पर अपने उद्बोधन में मान. राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन ने कहा कि - संसदीय दायित्वों को परिमार्जित करने के उद्देश्य से "उत्कृष्ट विधायक" एवं "उत्कृष्ट संसदीय पत्रकार" को सम्मानित करने का यह कार्य अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि- विधान सभा राज्य की सबसे बड़ी जनप्रतिनिधि सभा है। यह एक ऐसा पवित्र स्थान है जहां से राष्ट्रीय विकास का रास्ता सुनिश्चित होता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधान सभा ने राज्य के विकास और नागरिकों के हित के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता से ऊपर उठकर आपसी सद्भाव की आधारशिला रखी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधान सभा ने जिन उच्च संसदीय परम्पराओं को स्थापित किया है उन परम्पराओं का अनुसरण देश की अन्य विधान मंडलों को भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि - चूंकि हमारे देश ने लोकतांत्रिक परम्पराओं को पाला है और लगातार उसका परिमार्जन भी किया है इसलिए सभा के संचालन में पक्ष के साथ-साथ प्रतिपक्ष की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कुछ विधान मंडलों में हिंसा एवं तोड़फोड़ की घटनाओं पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि - इस तरह की घटनाओं से हमारा लोकतंत्र कलंकित होता है इसलिए मान. सदस्यों को जनहित एवं देशहित में उत्कृष्ट संसदीय परम्पराओं का पालन करते हुए दलीय प्रतिबद्धताओं से ऊपर उठकर कार्य करना चाहिए। इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि- छत्तीसगढ़ की विधान सभा ने अपने गठन के साथ ही नई संसदीय परम्पराओं को स्थापित किया है। इस विधान सभा के सभी मान. सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि यदि सभा की कार्यवाही के दौरान कोई सदस्य यदि गर्भ गृह में प्रवेश करता है तो वह स्वमेव निलंबित माना जाता है। उन्होंने वर्ष 2005 में छत्तीसगढ़ विधान सभा में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन एवं वर्ष 2010 में इंडिया एशिया रीजन के राष्ट्रकुल संसदीय सम्मेलन के सफलतापूर्वक आयोजन का भी उल्लेख किया। छत्तीसगढ़ विधान सभा ने 26 जुलाई 2007 को नक्सल समस्या जैसे मुद्दे पर क्लोज डोर मीटिंग की। उत्कृष्ट विधायक के चयन के लिए प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों के अंतर्गत माननीय सदस्यों के सभा में सम्पादित संसदीय कार्य एवं उनके व्यवहार का समीक्षात्मक विश्लेषण तैयार किया जाता है अर्थात पूरे वर्ष के कुल सत्रों में माननीय सदस्य ने प्रश्नकाल, शून्यकाल, ध्यानाकर्षण, चर्चा के अन्य माध्यम, वित्तीय एवं विधिक चर्चाओं में उनका योगदान और सभा में तत्क्षण किसी विषय पर उनकी बात को रखने की कार्यशैली योग्यता, आसंदी के निर्देशों का पालन तथा प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली के अंतर्गत विभिन्न नियमों एवं प्रक्रियाओं का पालन जैसे महत्वपूर्ण मापदण्डों की कसौटी पर उनकी समीक्षा की जाती है। विधान सभा अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के बाद प्रदेश की इस सर्वोच्च प्रजातांत्रिक संस्था में अपने कार्य एवं व्यवहार से प्रदेश की विधान सभा की छबि को पूरे देश में स्थापित करने में महती भूमिका के लिए सदस्यों को बधाई दी। विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि - पक्ष एवं प्रतिपक्ष के सदस्यों ने विभिन्न विषयों पर मतवैभिन्य के होते हुये सभा में अपने विचारों के माध्यम से शासन को मार्गदर्शन दिया और फलस्वरूप शासन व्यवस्था को न केवल सुदृढ़ किया अपितु कई सुधारात्मक और जनकल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने में भी अपनी भूमिका निभायी। मान. सदस्यों ने दलीय प्रतिबद्धताओं से ऊपर उठकर जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिये इस सदन को लोक कल्याण के केन्द्र का पर्याय बना दिया है। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने उत्कृष्ट विधायकों एवं उत्कृष्ट संसदीय पत्रकार पुरस्कार से सम्मानितों को बधाई देते हुए कहा कि - जिन मान. विधायकों को यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है उनके दायित्व सभा के प्रति और बढ़ गये हैं। उन्होंने जागरूक विधायक के रूप में सम्मानित होने वाले स्वर्गीय श्री नन्दकुमार पटेल के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि - श्री पटेल ने सरपंच के पद से लेकर मंत्री बनने तक का सफर तय किया एवं सभा में अपनी उपस्थिती से माहौल को हमेशा जीवंत बनाये रखा। उन्होंने कहा कि- श्री देवजी भाई पटेल एवं श्री हृदयराम राठिया सभा में हमेशा सक्रिय रहे एवं जनसमस्याओं के मुद्दों को प्रमुखता से सभा में उठाया। उन्होंने कहा कि - श्री चन्द्रभूषण मिश्रा एवं श्री मनोज सिंह बघेल एवं कैमरामेन श्री मनीष गीते ने भी सभा की कार्यवाही की रिपोर्टिंग में उत्कृष्ट संसदीय परम्पराओं का पालन करते हुए अपनी विशिष्ट छाप छोड़ी है। उत्कृष्ट अलंकरण समारोह को नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव तथा पूर्व विधान सभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक ने भी संबोधित किया। विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा ने समारोह के आरंभ में स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया। संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने सभी के प्रति आभार प्रदर्शन किया। उत्कृष्टता अलंकरण समारोह के पश्चात् कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया, जिसमें कानपुर के श्री सुरेश अवस्थी, दिल्ली के श्री सुनील शर्मा, लखनऊ की डॉ. सुमन तिवारी एवं रायपुर के श्री सुरेन्द्र दुबे एवं श्री मीर अली मीर ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
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