प्रेस विज्ञप्ति |
दिनांक 24 फरवरी 2015 |
छत्तीसगढ़ विधान सभा में "संसदीय रिपोर्टिंग" विषय पर कार्यशाला का आयोजन |
छत्तीसगढ़ विधान सभा में आज पत्रकारों के लिए "संसदीय रिपोर्टिंग" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल की अध्यक्षता एवं मान. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के मुख्य आतिथ्य एवं संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चन्द्राकर, नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव की उपस्थिति में सम्पन्न हुई। विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे। "संसदीय रिपोर्टिंग" विषय पर श्री लीलाधर मंडलोई पूर्व महानिदेशक दूरदर्शन केन्द्र, नई-दिल्ली एवं भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार श्री सोमदत्त शास्त्री ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये। इस आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार श्री रमेश नैयर, श्री बबन प्रसाद मिश्र, श्री गोविन्दलाल वोरा, श्री अभय किशोर प्रसाद सहित बड़ी संख्या में पत्रकार गण उपस्थित थे। कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि - जनतंत्र में विधान मंडल तथा जनसंचार दोनों के ही सरोकार जनहित से जुड़े हुए हैं। जनता का विधान मंडल के प्रति आस्था एवं विश्वास बढ़े इस दृष्टिकोण से जनसंचार के प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि- आसंदी में सभा की सार्वभौमिकता की शक्ति निहित होती है, इसलिए जनसंचार के प्रतिनिधियों के लिए यह आवश्यक है कि वे सभा की कार्यवाही अपनी कल्पना अथवा संभावनाओं के आधार पर प्रसारित प्रचारित न करें। संसदीय रिपोर्टर के लिए यह आवश्यक है कि उसे संसदीय शब्दावली, संसदीय प्रक्रिया एवं नियमों का ज्ञान होना भी आवश्यक है। उन्होंने जनसंचार माध्यमों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे भावुकता या रोष में सभा की बाधित कार्यवाही को नकारात्मक स्वरूप में प्रस्तुत करने के बजाए सभा में होने वाले संसदीय कार्यों को प्रमुखता के साथ प्रकाशित एवं प्रसारित करें। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि - प्रायः यह देखा गया है कि विधान सभा में प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण, स्थगन प्रस्ताव इत्यादि के समय पत्रकार गण दीर्घा में उपस्थित रहते हैं। लेकिन अपराह्न जब विधिक एवं वित्तीय कार्य होते है उस समय पत्रकार दीर्घा में उपस्थिति कम होती है। उन्होंने कहा कि- संसदीय रिपोर्टिंग का कार्य अत्यंत उत्तरदायित्वपूर्ण है इसलिए पत्रकारों को इसके सकारात्मक पहलू पर ध्यान रखना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि - संसदीय रिपोर्टिंग के व्यवहारिक पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए उसमें खुलापन लाया जाना चाहिए जिससे जनता अपने जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही से परिचित हो सके। संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के विषय पर प्रकाश डालते हुए विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा ने कहा कि - संसदीय रिपोर्टिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रजातंत्र की इस सर्वोच्च सार्वभौम संस्था की गरिमा एवं सम्मान को किसी प्रकार की क्षति न पहुंचे और जनसामान्य को सभा की कार्यवाही का वैसा ही वृतांत प्राप्त हो जैसा सभा के अन्दर संपादित हुआ है। कार्यशाला के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार श्री सोमदत्त शास्त्री ने सभा में तारांकित, अतारांकित प्रश्न, व्यवस्था एवं औचित्य के प्रश्न, बजट की कव्हरेज, शून्यकाल, कटौती प्रस्ताव, मान. अध्यक्ष की व्यवस्था, कार्यवाही का विलोपन इत्यादि विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यशाला के द्वितीय सत्र में श्री लीलाधर मण्डलोई पूर्व महानिदेशक दूरदर्शन केन्द्र नई-दिल्ली ने व्यवहारिक पहलुओं पर केन्द्रित करते हुए इलेक्ट्रानिक मीडिया की रिपोर्टिंग के संबंध में सारगर्भित जानकारी रोचक शैली में प्रस्तुत की। इसके पूर्व विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चन्द्राकर एवं नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव ने अतिथि वक्ताओं श्री सोमदत्त शास्त्री एवं श्री लीलाधर मण्डलोई को शाल श्रीफल एवं स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया। विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशकंर अग्रवाल ने अंत में कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सभी उपस्थित संपादकों एवं पत्रकारों को बधाई देते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया।
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