प्रेस विज्ञप्ति |
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दिनांक 21 मार्च, 2014 |
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लोकलेखा समिति शासन के वित्तीय कार्यो पर नियंत्रण रखती है -विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल |
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विधानसभा की वर्ष 2014-15 के लिए गठित लोकलेखा समिति की प्रथम बैठक संपन्न |
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छत्तीसगढ विधानसभा की वर्ष 2014-15 के लिए गठित लोकलेखा समिति की प्रथम बैठक आज विधानसभा स्थित समिति कक्ष में संपन्न हुई। समिति की आज संपन्न प्रथम बैठक में विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित थे। बैठक में समिति के सभापति एवं नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस.सिंहदेव, मान. सदस्य श्री देवजी पटेल, श्री दयालदास बघेल, श्री शिवरतन शर्मा, श्री राजू सिंह क्षत्री, श्री भईयालाल रजवाडे, विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा, अपर मुख्य सचिव (वित्त) श्री डी.एस.मिश्रा एवं महालेखाकार, छत्तीसगढ श्री पी.सी.मांझी उपस्थित थे।
समिति की प्रथम बैठक को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि-समितियां सभा का लघु स्वरूप होती हैं एवं समितियों के माध्यम से संसदीय प्रजातंत्र के मूल तत्व''कार्यपालिका की विधायिका के प्रति जवाबदेही''को सुनिश्चित किया जाता है। संविधान में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का प्रावधान किया गया है, जो संघ एवं संघ-राज्य क्षेत्र में शासन द्वारा किये जाने वाले व्यय एवं व्यय में होने वाली खामियों के संबंध में अपना प्रतिवेदन सभा पटल पर प्रस्तुत करते हैं। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक शासन के वार्षिक लेखों की जॉच पडताल करते हैं और यह देखते हैं कि सभा द्वारा जो धनराशि जिस मद में मंजूर की गई है वह उसी प्रयोजन के लिए खर्च की जा रही है या नहीं? और अपने निष्कर्ष प्रतिवेदन में प्रस्तुत करते है, जिनका लोकलेखा समिति प्रक्रियाओं के अंतर्गत परीक्षण करती है । लोकलेखा समिति विधानसभा की महत्वपूर्ण वित्तीय समिति है, इस समिति का महत्वपूर्र्ण कार्य शासन पर वित्तीय नियंत्रण रखना होता है। उन्होने कहा कि-लोकलेखा समिति का मुख्य कार्य यह देखना होता है कि विधानसभा द्वारा जो बजट पारित किया गया है, उसका खर्च उन्हीं योजनाओं एवं कार्यो में सही तरीके से किया गया है या नहीं। समिति यह भी देखती है कि निरर्थक व्यय या वित्तीय अनियमितता तो नहीं की गई है। उन्होने अपेक्षा व्यक्त की कि समिति अधिक से अधिक बैठकें कर लंबित कार्यो को तीव्र गति से निपटाने में सफल होगी। उन्होने इस बात पर जोर दिया कि समिति को भविष्य में विभागीय ज्ञापन समय पर प्राप्त हो शासन के सभी विभागों को इस बात का समुचित प्रयास करना चाहिए। समिति की प्रथम बैठक में नेता प्रतिपक्ष एवं समिति के सभापति श्री टी.एस.सिंहदेव ने कहा कि-यह लोकतंत्र का मौलिक सिध्दांत है कि विभिन्न विभागों को जो भी धनराशि उपलब्ध कराई गई है, उसका खर्च विधानसभा की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता। उन्होने कहा कि लोकलेखा समिति विधानसभा की प्रमुख वित्तीय समिति होने के कारण समिति के प्रतिवेदन की सिफारिशों पर शासन के संबंधित विभाग द्वारा कार्यान्वयन भी शीघ्र किया जाना चाहिए। उन्होने इस बात पर जोर दिया कि विभागों से समय सीमा के अन्दर जवाब प्राप्त होने चाहिए। श्री सिंहदेव ने लंबित प्रकरणों को शीघ्र निपटाने हेतु समिति की अधिक से अधिक बैठकें करने पर जोर दिया। |
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