प्रेस विज्ञप्ति

दिनांक 18 जुलाई 2014

-निज सहायक मान. सदस्यों को उनकी अपेक्षा के अनुरूप सहयोग करें-विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल.

मान. विधायकों के निज सहायकों हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न.

छत्तीसगढ की चतुर्थ विधानसभा के मान. सदस्यों के निज सहायकों हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आज विधानसभा सचिवालय स्थित ''नवीन समिति कक्ष'' में किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चन्द्राकरनेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस.सिंहदेव एवं विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा भी उपस्थित थे।

    प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर अपने उद्बोधन में विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि-निज सहायकों के प्रशिक्षण के माध्यम से हम मान. सदस्यों की सुविधा का विस्तार करना चाहते हैं और हमें विश्वास है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरांत निज सहायकों के कार्यो में और अधिक गुणवत्ता एवं दक्षता आयेगी और वे मान. सदस्यों के संसदीय दायित्व निर्वहन एवं जनप्रतिनिधि के रूप में प्रभावी भूमिका निर्वहन में उपयोगी सहायक सिध्द होगें। निज सहायक मान. सदस्यों को उनकी अपेक्षा के अनुरूप सहयोग कर सकें यही इस प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य है। उन्होने कहा कि-कार्यपालिका और विधायिका के कार्य में बुनियादी अंतर होता है। विधानसभा का अपना पृथक सचिवालय होता है जो कार्यपालिका के नियंत्रण से पृथक रहता है। मान. सदस्यों के निज सहायकों का यह नैतिक दायित्व होता है कि वे मान. सदस्य की अपेक्षाओं को पूरा करें एवं आवश्यक जानकारियां उन तक पहुंचायें। निज सहायक इस बात का भी ध्यान रखें कि सदन में जो चर्चा का विषय है और जिसमें मान. सदस्य भाग लेना चाहते हैं उससे संबंधित आवश्यक संदर्भ सामग्री पुस्तकालय एवं संदर्भ शाखा से प्राप्त कर उसे मान. सदस्य को उपलब्ध करायें।

    प्रशिक्षण कार्यक्रम में द्वितीय सत्र को संबोधित करते हुए संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने कहा कि-व्यक्ति को सीखने का लाभ जीवन भर मिलता है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में निज सहायक मान. सदस्यों के लिए एक प्रेरक तत्व की तरह कार्य करते हैं। निज सहायक अपनी विनम्रताआज्ञाकारिता विश्वासगोपनीयता प्रतिबध्दता एवं समय प्रबंधन जैसे गुणों से मान. सदस्यों की सफलता के कारक बन सकते हैं। उन्होने कहा कि-निज सहायकों को अपने प्रभाव क्षेत्र के दुरूपयोग से बचना चाहिए क्योंकि इसका विपरीत प्रभाव मान. सदस्य की छवि पर पड़ता है।

    प्रशिक्षणर्थियों को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस.सिंहदेव ने कहा कि-मान. सदस्यों को अपने दायित्वों के निर्वहन में निज सहायकों के सहयोग एवं भागीदारी की अत्यंत आवश्यकता होती है। इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम से निज सहायक शासकीय प्रक्रियाओं को और बेहतर तरीके से समझेगें जिससे प्रजातांत्रिक व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी।

    इस अवसर पर विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि-छत्तीसगढ विधानसभा ने आरंभ से आज तक उत्कृष्टता के नव प्रतिमानों को स्पर्श किया है और आज का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इसी दिशा में एक उल्लेखनीय प्रयास है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य यह है कि निज सहायक विधानसभा की सभी शाखाओं में किये जाने वाले कार्य को जाने इससे मान. सदस्य को अपने कार्य को मूर्तरूप देने में सुविधा होगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम सत्र में विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा ने ''माननीय सदस्यों के संसदीय दायित्वों के निर्वहन में सहयोगी के रूप में भूमिका''विषय पर द्वितीय सत्र में श्री चन्द्र शेखर गंगराडेअपर सचिव ने ''सदस्यों के सभा के बाहर संपादित किये जाने वाले कार्यो में सहयोगी के रूप में भूमिका'' विषय पर तृतीय सत्र में डा. सत्येन्द्र तिवारीसंचालक ''विधानसभा सचिवालय की संरचनामाननीय सदस्यों को प्राप्त सुविधाएं एवं निज-सहायकों की भूमिका'' विषय पर एवं चतुर्थ सत्र में''व्यक्तित्व विकास पर'' इंजीनियर श्री बी. एन.राव ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में 63 निज सहायकों ने हिस्सा लिया एवं विभिन्न विषयों पर विषय-विशेषज्ञों से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया।  अंत में श्री शिवपूजन अग्रहरी ने प्रशिक्षणार्थियों की ओर से आभार व्यक्त किया।