प्रेस विज्ञप्ति

दिनांक 17 दिसम्बर 2014

- (कसडोल) बलौदा बाजार, रायपुर एवं महासमुंद के विद्यार्थियों ने विधान सभा की कार्यवाही देखी

- विधान सभा अध्यक्ष मान. श्री गौरीशंकर अग्रवाल एवं मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से भेंट की

शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बोरसी जिला-बलौदा बाजार, डी.आर.सी. महाविद्यालय कसडोल जिला-बलौदा बाजार, शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय सरायपाली जिला महासमुंद, आदर्श विद्यालय मोवा जिला-रायपुर एवं दुर्गा महाविद्यालय रायपुर के विद्यार्थियों ने आज विधान सभा की कार्यवाही का अवलोकन किया। कार्यवाही अवलोकन पश्चात् इन्होंने विधान सभा परिसर में विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल एवं मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, राजस्व एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय एवं संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चन्द्राकर से भेंट की। इस अवसर पर विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि - विधान सभा अध्यक्ष बनने के पश्चात् उनका यह प्रयास रहा है कि प्रदेश के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थी प्रदेश की सर्वोच्च पंचायत विधान सभा की कार्यवाही देख सकें। इसी क्रम में कसडोल विधान सभा के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थी विधान सभा की कार्यवाही का अवलोकन विगत एक वर्ष से प्रत्येक सत्र में कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि - छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह नियम बनाया है कि - सभा की कार्यवाही के दौरान यदि कोई सदस्य गर्भगृह में प्रवेश करता है तो वह स्वमेव निलंबित हो जाता है। उन्होंने बताया कि अध्यक्ष की आसंदी के दाहिनी ओर अधिकारी-दीर्घा एवं बाई ओर अध्यक्षीय-दीर्घा होती है। जिस विभाग की चर्चा होती है उस विभाग के अधिकारी, अधिकारी-दीर्घा में उपस्थित रहकर विभाग के मान. मंत्री को समस्त जानकारी उपलब्ध कराते हैं।

विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा ने कहा कि - विधान सभा में जनता द्वारा चुने हुए 90 प्रतिनिधि क्षेत्र की जनसमस्याओं को सभा में किस तरह से उठाते हैं यह जानने का अधिकार क्षेत्र की जनता को है। उन्होंने कहा कि सभा में चर्चा एवं वाद-विवाद के पश्चात् यह तय होता है कि - किस कार्य के लिए बजट में कितनी राशि दी जाए। उन्होंने कहा कि - सरकार सभा के प्रति उत्तरदायी होती है। विधान सभा की 18 समितियां जिन्हें सभा के समान ही अधाकार प्राप्त हैं, वे अंतः सत्रकाल में समितियों की बैठकों के माध्यम से सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करती है।