प्रेस विज्ञप्ति

दिनांक 17 जुलाई, 2015

-छत्तीसगढ विधानसभा देश के अन्य विधान मंडलों के लिए अनुकरणीय है-मान. राज्यपाल महोदय मान. श्री बलरामजी दास टंडन
-प्रबोधन कार्यक्रम के समापन में माननीय राज्यपाल महोदय ने मान. सदस्यों को दिया आशीर्वचन

छत्तीसगढ विधानसभा सचिवालय में मान. सदस्यों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र में आज माननीय राज्यपाल महोदय मान. श्री बलरामजी दास टंडन ने मान. सदस्यों को आशीर्वचन दिया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष मान. श्री गौरीशंकर अग्रवाल, केन्द्रीय मंत्री मान. श्री थावरचन्द गहलोत, पूर्व मंत्री एवं मान. सदस्य, हिमाचल प्रदेश श्रीमती आशा कुमारी, मान. संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चन्द्राकर, मान. नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस.सिंहदेव, मान. मंत्रीगण, मान. संसदीय सचिव, मान. विधायकगण एवं विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा उपस्थित थे।

दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के समापन अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय ने मान. सदस्यों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि-छत्तीगसढ विधानसभा की कार्यप्रणाली देश के अन्य विधान मंडलों के लिए अनुकरणीय है। गर्भ गृह में प्रवेश पर स्वमेव निलंबन का नियम संसद एवं देश के अन्य विधान मंडलों को स्वयं आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने मान. सदस्यों को सलाह दी कि वे राजनीति को केवल राजनीति तक सीमित रखें सार्वजनिक जीवन के अन्दर इसका प्रभाव नहीं दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र को मजबूत रखने के लिए सशस्त विपक्ष का होना आवश्यक है क्योंकि विपक्षी दल सरकार की जबावदेही सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मान. राज्यपाल महोदय ने छत्तीसगढ विधानसभा के प्रश्नों के उत्तर एक दिन पूर्व मान. सदस्यों को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया की भी प्रशंसा की। राज्यपाल महोदय ने कहा कि-मान. सदस्यों को विधानसभा के नियम प्रक्रिया को अनेक बार पढना एवं समझना चाहिए, अन्यथा जानकारी के अभाव में छोटी सी चूक के कारण उनके सारे प्रयास विफल हो जाते है। उन्होंने मान. सदस्यों का आव्हान किया कि वे अपने कार्य आचरण एवं व्यवहार से मिसाल कायम करें एवं सामाजिक क्षेत्र को नया रास्ता दिखाये ।

दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के समापन अवसर पर मान. विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि-प्रबोधन कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर वरिष्ठ संसदविदों ने अपने दीर्घ संसदीय अनुभव के आधार पर प्रस्तुत व्याख्यान में मान. सदस्यों को सभा में संसदीय प्रक्रियाओं एवं इसके व्यवहारिक पहलुओं को आत्मसात करने एवं संसदीय ज्ञान की अभिवृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होने विश्वास व्यक्त किया कि इस कार्यक्रम के पश्चात् मानसून सत्र के दौरान जब मान. सदस्य सभा की कार्यवाही में हिस्सा लेगें तो इस प्रबोधन कार्यक्रम का प्रभाव मान. सदस्यों के कार्य विचार और व्यवहार में अवश्य परिलक्षित होगा।

इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस.सिंहदेव ने कहा कि-दो दिवसीय इस प्रबोधन कार्यक्रम में वरिष्ठ एवं अनुभवी संसदविज्ञों से इतना अधिक संसदीय ज्ञान प्राप्त हुआ है जो हम सदन में काफी समय बैठकर भी प्राप्त नहीं कर सकते थे ।

कार्यक्रम के प्रारंभ में विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि-इस तरह के आयोजन से छत्तीसगढ विधानसभा के मान. सदस्यों के संसदीय ज्ञान को विस्तार मिलेगा ।

प्रबोधन कार्यक्रम के समापन अवसर पर मान. विधानसभा अध्यक्ष मान. श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने माननीय राज्यपाल महोदय श्री बलरामजी दास टंडन का शाल, श्रीफल से सम्मान किया एवं उन्हें प्रतीक चिन्ह भेंट किया ।

अंत में संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने प्रबोधन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया ।

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