प्रेस विज्ञप्ति

दिनांक 12 जून 2019

- स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज संस्थाओं के वित्तीय कामकाज की संपूर्ण समीक्षा एवं उस पर नियंत्रण होना चाहिए - विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत

- विधान सभा की स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति की प्रथम बैठक सम्पन्न

छत्तीसगढ़ विधान सभा की वर्ष 2019-20 के लिए गठित स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति की प्रथम बैठक आज विधान सभा स्थित समिति कक्ष में सम्पन्न हुई। समिति की प्रथम बैठक में मान. विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत विशेष रूप से उपस्थित थे। बैठक में समिति के सभापति मान. श्री सत्यनारायण शर्मा, मान. सदस्य सर्वश्री लखेश्वर बघेल, श्री गुरूदयाल सिंह बंजारे, श्रीमती छन्नी चंदू साहू, श्री यू.डी. मिंज एवं विधान सभा सचिव श्री चन्द्र शेखर गंगराड़े, महालेखाकार छत्तीसगढ़ श्री डी.आर. पाटिल, वित्त विभाग की संयुक्त सचिव श्रीमती शारदा वर्मा एवं आयुक्त सह संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा श्री ईमिल लकड़ा भी उपस्थित थे।

स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति की प्रथम बैठक को संबोधित करते हुए मा. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि - स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति छत्तीसगढ़ विधान सभा की चतुर्थ वित्तीय समिति है, जिसका गठन 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर किया गया। उन्होंने कहा कि - स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं के द्वारा जो कार्य संपादित किये जाते हैं, इनके वित्तीय कामकाज की सम्पूर्ण समीक्षा, नियंत्रण एवं यथा आवश्यक सुझाव/अनुशंसा संबंधी कार्य इस समिति के द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि - शासकीय विभागों द्वारा स्थानीय निकायों, जिला पंचायतों अथवा अन्य संस्थाओं को अनुदान एवं ऋण के रूप में जो धनराशि दी जाती है, उनके संबंध में भी यह समिति जांच करेगी कि सरकारी अनुदान एवं ऋण की राशि संबंधित संस्थाओं द्वारा उन्हीं कार्यों पर व्यय की गई है, जिसके लिए वे स्वीकृत की गई थी तथा उनके उपयोग में कोई वित्तीय अनियमितताएं तो नहीं बरती गई। डॉ. महंत ने इस बात पर जोर दिया कि - महालेखाकार द्वारा विगत 04 वर्षों के जिन लेखा की जांच कर प्रतिवेदन विधानसभा में प्रस्तुत किया गया है उसका परीक्षण समिति द्वारा अतिशीघ्र किया जाना चाहिए।

समिति के सभापति श्री सत्यनारायण शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि मान. अध्यक्ष महोदय द्वारा दिये गये मार्गदर्शन के अनुरूप समिति की अधिक से अधिक बैठकें कर लंबित कंडिकाओं का शीघ्र निराकरण किया जाएगा।

इस अवसर पर महालेखाकार छत्तीसगढ़ श्री डी.आर. पाटिल, वित्त विभाग की संयुक्त सचिव श्रीमती शारदा वर्मा एवं आयुक्त सह संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा श्री ईमिल लकड़ा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।